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पुरुषों और महिलाओं में "गुप्त रोग" और मानसिक रोग का आयुर्वेदिक इलाज
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शुक्राणु में कमी

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शुक्राणु में कमी क्या है?

  • वीर्य में सामान्य से कम शुक्राणुओं की स्थिति को शुक्राणु में कमी यानी स्पर्म काउंट कम होना कहते हैं। आमतौर पर जब एक पुरुष के वीर्य में 1.5 करोड़ प्रतिलीटर से कम शुक्राणु होते हैं तो उसे मेडिकल की भाषा में “शुक्राणु में कमी” कहते हैं। शुक्राणु में कमी होने की स्थिति को मेडिकल भाषा में “ओलिगोस्पर्मिया” कहते हैं, लेकिन जब वीर्य में शुक्राणु पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं तो उसे “एजुस्पर्मिया” कहा जाता है। ओलिगोस्पर्मिया वाले पुरुषों में प्रति मिलीलीटर 15 मिलियन से कम शुक्राणु की मात्रा होती है। गर्भधारण करने के लिए वीर्य में शुक्राणु की पर्याप्त मात्रा आवश्यक है।
  • सक्रिय शुक्राणु क्या है?
  • सक्रिय शुक्राणु (Motile Sperm in Hindi) का मतलब है अच्छे यानी स्वस्थ शुक्राणु से, जिसकी पहचान उसकी संख्या, गति और आकार के आधार पर की जाती है। ये तीनों एक शक्रिय शुक्राणु की गुणवत्ता को दर्शाते हैं।
  • असक्रिय शुक्राणु क्या है?
  • असक्रिय शुक्राणु (Immotile Sperm in Hindi) का मतलब बेकार शुक्राणु से है जो अपने स्थान से हिल-डुल नहीं सकते। ये कई प्रकार के होते हैं। दो सिर, छोटे सिर, बड़े सिर, पतली या मुड़ी हुई गर्दन, दो या दो से अधिक पूंछ होना आदि असक्रिय शुक्राणु की पहचान है।
  • असामान्य शुक्राणु आकार
      कई बार शुक्राणु का आकार असामान्य हो सकता है, जैसे कि:
    • बड़ा या छोटा सिर जो निषेचन की क्षमता को प्रभावित करता है।
    • कुंडलित या दोहरी पूंछ जिसके कारण शुक्राणु को तेजी से आगे बढ़ने में कठिनाई होती है।
    • असमान मध्य भाग जिससे ऊर्जा की कमी के कारण शुक्राणु कमजोर हो सकता है।

    शुक्राणु की कमी के कारण

    वृषण में शुक्राणु का उत्पादन होने के बाद, ये जब तक वीर्य में मिल कर लिंग के जरिए बाहर नहीं निकल जाते, एक पतली ट्यूब में रहते हैं। इनमें से किसी भी अंग के ठीक तरह से काम नहीं करने या उनमें किसी तरह की समस्या होने पर, शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता प्रभावित होती है।

    शुक्राणु की कमी के अनेक कारण होते हैं। इसका उत्पादन एक जटिल और लंबी प्रक्रिया है। शुक्राणु के उत्पादन के लिए वृषण (Testis) के साथ-साथ हाइपोथैलेमस और पिट्यूटरी ग्लैंड का सामान्य रूप से काम करना आवश्यकता है।

  • शुक्राणु की कमी के निम्न मेडिकल कारण हो सकते हैं:-
  • संक्रमण
  • वैरीकोसेल
  • हार्मोन असंतुलन
  • स्खलन समस्याएं
  • ट्यूमर
  • सीलिएक रोग
  • शुक्राणु की कमी के पर्यावरण संबंधित कारण:-
  • विकिरण या एक्स-रे
  • भारी धातु के संपर्क में आना
  • वृषण का अधिक गर्म होना
  • लंबे समय तक साइकिल चलाना
  • शुक्राणु की कमी का इलाज

    शुक्राणु की कमी, पुरुष निःसंतानता का एक सामान्य कारण है। शुक्राणुओं की संख्या कम होने पर उपचार के विकल्प इसके अंतर्निहित कारणों और स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करते हैं। शुक्राणु की कमी का उपचार निम्न विकल्पों से किया जाता है:

    जीवनशैली और आहार परिवर्तन
  • धूम्रपान, अत्यधिक शराब के सेवन और नशीली दवाओं के उपयोग से बचकर एक स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें।
  • समग्र स्वास्थ्य और शुक्राणु उत्पादन में सुधार के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें और शरीर का वजन अनुकूल बनाए रखें।
  • विटामिन सी और ई, जिंक और सेलेनियम सहित विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर संतुलित आहार का पालन करें।
  • कैसे बढ़ाएं शुक्राणु की संख्या?

    शुक्राणु की कमी का इलाज करने के लिए डॉक्टर निम्न माध्यमों का इस्तेमाल कर सकते हैं:-

  • हार्मोन उपचार और दवाएं
  • संक्रमण का इलाज
  • सर्जरी
  • असिस्टेड रिप्रोडक्टिव तकनीक